Draupadi Murmu Biography In Hindi
क्या आपको पता है कि द्रौपदी मुर्मू कौन हैं? द्रौपदी मुर्मू के जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में जानिए।
देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति पद के अब देश को नया राष्ट्रपति मिल सकता है। भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू हैं द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं, एनडीए के साथ-साथ देश के अलग पॉलिटिकल पार्टियों से समर्थन मिलने के बाद उन्होंने 21 जुलाई को जारी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में जीत हासिल की है। बहुत समय बाद एक महिला ने राष्ट्रपति पद के लिए जीत के बाद द्रौपदी मुर्मू जी भारत की दूसरी और पहली ट्राइबल महिला राष्ट्रपति बन गई है। द्रौपदी मुर्मू जी की उम्र 64 साल है और वह उड़ीसा की रहने वाली है। उनके राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके घर जाकर उड़ीसा में उनको नए राष्ट्रपति बनने की उनके घर वालो को और देश वाशियो को बहुत बधाइयां दी है और साथ ही प्रधानमंत्री के पूरी केंद्रीय कैबिनेट मिनिस्ट्री भी नए राष्ट्रपति के घर जाकर उनको बधाइयां दी है। चलिए जानते हैं एनडीए द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रपति कैंडिडेट श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के बारे में विस्तार से
द्रौपदी मुर्मू कौन है – Who is Draupadi Murmu
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल हैं. बतौर राज्यपाल झारखण्ड में इनका कार्यकाल 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक का रहा है. श्रीमति मुर्मू झारखंड में सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाली राज्यपाल भी हैं. इन्होंने 6 साल से भी अधिक समय तक झारखण्ड में राज्यपाल के पद पर लोगो की सेवा की है और झारखण्ड के लिए बहुत अच्छे काम किये है किया है
जन्म –
द्रौपदी मुर्मू का जन्म कब हुआ ?
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को मयूरभंज, राज्य उड़ीसा में हुआ था. वर्तमान में सुश्री मुर्मू की आयु 64 वर्ष की है. भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 35 वर्ष की होनी आवश्यक है!
शिक्षा और करियर –
श्रीमति मुर्मू ने रमा देवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर से ग्रेजुएशन किया है
श्रीमति मुर्मू उड़ीसा राज्य की भारतीय जनता पार्टी की नेता हैं.
परिवार, विवाह और बच्चे –
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के पूर्व मंत्री दिवंगत बिरंची नारायण टुडू की बेटी हैं. श्रीमति मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है. परन्तु कम उम्र में हीं श्रीमति मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू का निधन हो गया था. उनके तीन बच्चों में से दोनों बेटों की मौत भी असमय हीं हो गई थी. श्रीमति मुर्मू की बेटी इतिश्री मुर्मू जो रांची में रहती हैं, वही उनकी एकमात्र जीवित संतान हैं. इतिश्री मुर्मू के पति का नाम गणेश चंद्र हेम्बरम है.
राजनीतिक जीवन, कुछ झलकियाँ –
उड़ीसा गवर्नमेंट में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को साल 2000 से लेकर साल 2004 तक ट्रांसपोर्ट एवं वाणिज्य डिपार्टमेंट संभालने का अवसर दिया गया था।
इसके बाद उन्होंने साल 2002 से लेकर साल 2004 तक उड़ीसा गवर्नमेंट के राज्यमंत्री के तौर पर पशुपालन एवं मत्स्य पालन डिपार्टमेंट का कार्यभार संभाला था।
साल 2002 से लेकर 2009 तक यह भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी थी।
भारतीय जनता पार्टी के एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद को इन्हें साल 2006 से लेकर 2009 तक संभालने का अवसर मिला था।
एसटी मोर्चा के साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर के पद पर यह साल 2013 से लेकर 2015 तक कार्यरत थी।
झारखंड के राज्यपाल के पद के लिए उन्हें साल 2015 में चुना गया और इस पद पर साल 2021 तक कार्यरत रही।
1997 में चुनी गई थी जिला परिषद
साल 1997 में उड़ीसा के रायरंगपुर जिले से पहली बार इन्हें जिला पार्षद के रूप में चुना गया। यह रायरंगपुर की उपाध्यक्ष भी बनी थी। इसके अलावा इन्हें साल 2002 से लेकर 2009 तक मयूरभंज जिला में भाजपा के अध्यक्ष बनने का भी अवसर मिला था और साल 2004 में यह रायरंगपुर विधानसभा के विधायक बनने में भी कामयाब हुई और आगे बढ़ते बढ़ते साल 2015 में उन्हें झारखंड और आदिवासी बहुल राज्य के राज्यपाल के पद को संभालने का अवसर मिला था।
पुरस्कार –
द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा के द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
वर्ष 2007 में, द्रौपदी मुर्मू को “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था.
द्रौपदी मुर्मू के जीवन मे संघर्ष:
द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए निजी जीवन में, समय की ली हुई सभी प्रेक्षाओ को पार किया है उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया। जब वह डिप्रेशन का शिकार हो गई।
जिसके पीछे कारण था कि 25 वर्ष की उम्र में, उनके एक बेटे की असमय मृत्यु हो गई। इसी कारण वह डिप्रेशन में चली गई। इससे बाहर निकलने के लिए, उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना। जिसके तहत वह ब्रह्मकुमारी संस्था से जुड़ गई। वह जब अवसाद से बाहर आ ही रही थी। कि तभी 2013 में एक सड़क दुर्घटना में, उनके दूसरे बेटे की भी मृत्यु हो गई।
उनके जीवन का कठिन दौर यहीं नहीं रुका। बेटे की मृत्यु के कुछ दिन बाद ही, उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। इसके कुछ समय बाद, उनके भाई का भी देहांत हो गया। इस प्रकार द्रौपदी मुर्मू ने मात्र 1 महीने में ही, अपने परिवार के तीन सदस्यों को खो दिया। इन तमाम दुखों से निकलकर, जब द्रौपदी मुर्मू थोड़ा संभल ही रही थी। कि तभी 2014 में, उनके पति श्याम चरण मुर्मू का भी देहांत हो गया।
उनकी मृत्यु के बाद द्रौपदी मुर्मू का सामान्य जीवन में वापस लौटना थोड़ा मुश्किल था। लेकिन उन्होंने ब्रम्हाकुमारी में अध्यात्म के साथ-साथ योग की भी शुरुआत की। उन्होंने डिप्रेशन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आखिरकार वह अपनी आत्मशक्ति के बल पर, इस बुरे दौर पर जीत हासिल करने में सफल हुई।
द्रौपदी मुर्मू ने समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने निशुल्क शिक्षा देने के लिए, कई विद्यालयों में शिक्षण कार्य किया। उन्होंने आदिवासी समुदाय की शिक्षा के लिए बहुत कार्य किए।
वह कई एनजीओ के संपर्क में आई। जिसके लिए, उन्होंने गांव-गांव में घूमकर जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे काम किए।
आदिवासियों के लिए, समर्पण की भावना को देखते हुए। कई राजनीतिक दलों ने उनके ऊपर दवाब बनाना शुरू किया। ताकि वह राजनीति के क्षेत्र में आए। द्रौपदी मुर्मू को लगा कि राजनीति में जाने से वह अपने समाज के लिए, अधिक कुशलता से कार्य कर पाएंगी।
द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की दावेदार:
भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए ने, द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे NDA का मानना है। कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों को समर्पित किया।
उनके पास एक समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है। उनकी नीतिगत मामलों में समझ और उनका दयालु स्वभाव, देश के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उनकी महिला आदिवासी समाज और विवादों से हमेशा दूरी रही है। वह आदिवासियों और बालिकाओं के हितों के लिए हमेशा से काम करती रही है।
यही कारण है कि NDA की तरफ से, उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया। वहीं तमाम विपक्षी दलों ने मिलकर, यशवंत यशवंत सिन्हा को विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया। यशवंत सिन्हा पहले बीजेपी के बड़े नेता हुआ करते थे। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में, वह वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
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FAQ:
1. द्रौपदी मुर्मू कौन है ?
उत्तर-द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं।
2. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल कौन थी?
उत्तर- झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू थी।
3.द्रौपदी मुर्मू के पति का क्या नाम था?
उत्तर- द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है |
4.द्रौपदी मुर्मू के कितने संतान?
उत्तर-द्रौपदी मुर्मू के 3 संतान हैं 2 पुत्र एवं एक पुत्री।
5.द्रौपदी मुरमू किस समुदाय से संबंध रखती हैं?
उत्तर-आदिवासी समुदाय समुदाय से ।
6.द्रौपदी मुर्मू को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?
उत्तर- नीलकंठ पुरस्कार से ।
8.द्रौपदी मुरमू जिला पार्षद के पद के लिए कब चुनी गई थी?
उत्तर-1997 में।
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